Fatehpur Sikri Me Ghumne Ki Jagah Jaaniye

आज हम आपको सैर करवाने वाले हैं एक ख़ास जगह Fatehpur Sikri की| इसे बादशाह अकबर के सपनों का नगर कह दिया जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी| शायद ही आप में से कोई इस बात को जानता हो कि फतेहपुर सीकरी की योजना बनाने में ही 15 वर्षों का समय लग गया था|

फतेहपुर सीकरी का इतिहास

ये उस समय की बात है जब भारत में मुगलों का शासन हुआ करता था| एक बार जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने राणा रायमल के पुत्र राणा सिंह को युद्ध में परास्त किया था| इसके बाद बाबर ने इसी जगह अपना कब्जा जमा लिया था| इतिहासकारों की मानें तो अकबर की अनेकों पत्नियां थीं| जिनमें से एक थी जोधा बाई जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय थीं| 

लेकिन किसी से भी उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हो रही थी| निसंतानता से हताश और निराश अकबर बहुत से स्थानों पर गया| सैकड़ों संतों से संतान प्राप्त करने का उपाय मांगा मगर कोई फायदा नहीं हो रहा था| फिर एक बार अकबर बादशाह संतान प्राप्ति की अर्जी लेकर ख्वाजा मौनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गए|

जाते वक्त अकबर की मुलाक़ात सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से हुई| उन्होंने अकबर को आशीर्वाद दिया| इसके कुछ ही वर्ष बाद अकबर और जोधाबाई के पुत्र ने जन्म लिया| इसपर अकबर ने खुश होकर कहा की जहां मेरे पुत्र ने जन्म लिया उस जगह पर एक नगर बसाऊंगा|

फतेहपुर से पहले मुगलों की राजधानी आगरा थी| लेकिन इसके बाद अकबर ने राजधानी को नए नगर में स्थानांतरित कर दिया| सन 1571 से 1585 तक Fatehpur Sikri ही मुगलों की राजधानी रही| परन्तु पानी की किल्लत और कुछ राजनीतिक कारणों के चलते अकबर यहाँ ज्यादा समय तक नहीं रह पाए| 

पहले इसका नाम फतेहाबाद था| लेकिन 1573 में अकबर ने यहीं से गुजरात पर फतेह करने के लिए कूच किया था| गुजरात पर विजय पाकर लौटते समय ही उसने सीकरी का नाम विजय नगरी या फतेहपुर रख दिया था| इसी को आज हम सब Fatehpur Sikri के नाम से जानते हैं|

कहां है Fatehpur Sikri?

इससे पहले कि हम आपको फतेहपुर सीकरी में घूमने लायक जगहों के बारे में बताएं आइए हम आपको जानकारी देते हैं की फतेहपुर सीकरी कहां है? यह स्थान भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है| 

इतिहास पर नजर डालने के बाद अब बारी आती है यहां के खूबसूरत स्थानों पर घूमने की| चलिए हम बारी बारी से Fatehpur Sikri के हर खूबसूरत और famous place की सैर करते हैं और उसे अपनी यादों में capture करते हैं|

बुलंद दरवाजा : 

Buland Darwaja

बुलंद दरवाजा दुनिया का सबसे विशाल और ऊंचा द्वार है| इसके साथ ही ये मुग़ल वास्तुकला का बेहतरीन उदहारण भी है|

इस दरवाजे को देखते ही महान सम्राट अकबर के साम्राज्य की महानता का आभास सहज रूप से ही हो जाता है| इस दरवाजे का निर्माण अकबर ने गुजरात में मिली अपनी जीत की ख़ुशी में 1601 में करवाया था| फतेहपुर सीकरी के महल का यह मुख्य प्रवेश द्वार भी है|

प्रेम नगरी के रूप में विश्व विख्यात आगरा से 43 किलोमीटर दूर पर स्थित एक गांव है फतेहपुर सीकरी|  मुग़ल काल की सबसे रोचक और आकर्षक कलाओं में से एक बुलंद दरवाजे को ही माना जाता है|

यह ऐतिहासिक धरोहर इतिहास और वास्तुकला दोनों प्रेमियों को आकर्षित करती है| दुनिया के सबसे ऊँचे बुलंद दरवाजे का फतेहपुर सीकरी में काफी ऐतिहासिक महत्व रहा है| यहाँ की मुगलकालीन वास्तुकला आपको मंत्रमुग्ध कर देगी|

लाल और बफर बलुआ पत्थर से बनाए गए दरवाजे को सफेद और काले मार्बल से सजाया गया है| इस दरवाजे के अंदर एक मस्जिद भी है| यह धरोहर जमीन से 54 मीटर ऊंची है| कहा जाता है की बुलंद दरवाजे की चोटी पर जाने के लिए 42 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं|

यह दरवाजा फतेहपुर सीकरी के दक्षिण पूर्वी द्वार पर है| इसे ‘भव्यता के द्वार’ के नाम से भी जाना जाता था| इसी दरवाजे के नीचे जामा मस्जिद भी स्थित है| जो बुलंद दरवाजे के बाईं ओर स्थित है| इस द्वार पर शुद्ध इस्लामिक शिलालेख भी लिखे गए हैं|

जो कहते हैं दुनिया एक पोल की तरह है| इसके ऊपर से गुजरें जरूर लेकिन इसपर कोई घर न बनाएं| इन अभिलेखों के अनुसार वह इंसान जो एक दिन की आशा करता है, वह अनंत काल की भी आशा करता है| लेकिन दुनिया सदा के लिए नहीं बल्कि इसी घंटे के लिए है| इसलिए अपने इस वक्त को प्रार्थना करने में व्यतीत करें और बाकी सब उसके ‘ईश्वर के’ भरोसे छोड़ दें|

पंच महल :

Panch Mahal

दोस्तों, फतेहपुर सीकरी के रेलवे station से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बेहद आकर्षक और भव्य पंच महल| जो फतेहपुर सीकरी के इतिहास की कहानी कहता है| यह एक पांच मंजिला इमारत है और ये जोधाबाई के महल से उत्तर पूर्व दिशा में स्थित है|

ये उत्तर प्रदेश में मौजूद है| दोस्तों, पंचमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह अकबर ने इस मकसद से करवाया था की वो यहां पर अपने अपनों के साथ सुकून के कुछ पल बिता सकें| उन्होंने इसका निर्माण अपनी ख़ास रानियों के लिए करवाया था|

इस महल को बनाने के लिए लाल बलुआ पथ्थर का इस्तेमाल किया गया था| ये एक पांच मंजिला ईमारत है जो की पिरामिड की शेप में नजर आती है| इस पांच मंजिला इमारत को बनाने के लिए एक अलग ही शैली का इस्तेमाल किया गया था जो बहुत ख़ास मानी जाती है|

इसका निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है की एक से दूसरी मंजिल पर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है|

इसकी एक और खासियत ये है की इस इमारत में जैसे जैसे हम ऊपर की मंजिल की ओर जाते हैं वैसे वैसे हर दूसरी मंजिल पहली मंजिल क्षेत्रफल के हिसाब से छोटी होती जाती है| इसकी हर मंजिल अपनी निचली मंजिल से आकार में छोटी बनी हुई है|

इस पूरे ढांचे को संभालने के लिए इस 84 पिलर के सहारे खड़ा किया गया है| ये pillers इमारत को एक नीव की तरह सपोर्ट करते हैं|

इसमें एक तालाब भी है जिसे अनूप तालाब का नाम दिया गया है| यह तालाब हमेशा पानी से भरा होता है| कहते हैं इसी तालाब के किनारे अकबर संगीत की सभा का आनंद लिया करते थे|

जोधा बाई का महल :

Jodha Bai Ka Mahal

आइए अब सैर करते हैं जोधा बाई के महल की| विशाल दिखने वाले इस महल में बाहर दो बालकनियां थीं| मगर अंदर से इसके सारे हिस्सों को छुपाकर रखा गया था| इस महल को हरका बाई का महल, या हीरा कुमारी का महल भी कहा जाता था जो की जोधा बाई के ही नाम थे|

जैसा की आप सब जानते ही हैं जोधा बाई एक हिन्दू रानी थीं| इसी को ध्यान में रखते हुए जोधा बाई के लिए अकबर ने इस महल के खुले मैदान के बीचों बीच एक तुलसी का पेड़ भी लगवाया था| जानकार बताते हैं की जोधा बाई शुद्ध शाकाहारी थीं|

इसलिए उन्होंने अपने हिसाब से kitchen बनवाई थी जहां पर वो अपने हिसाब से शाकाहारी खानसामाओं यानी की chef की मदद से अलग अलग तरह के पकवान बनवाया करती थीं| इस रसोई का निर्माण हिन्दू निर्माण कला शैली का साक्षात प्रमाण है|

निष्कर्ष (Conclusion)

साथियों, आज हमने आपको बताया की फतेहपुर सीकरी कहां पर स्थित है| ये भी हमने जानकारी दे दी आपको की Fatehpur Sikri का निर्माण बादशाह अकबर ने करवाया था| इसके पीछे उनका मकसद क्या था वो भी हमने आपको बताया| बादशाह अकबर ने प्रण लिए था की जिस जगह उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है वहां पर उस संत की याद में एक नगर बसाएंगे|

आज हमने आपको फतेहपुर सीकरी में देखने लायक तीन जगहों बुलंद दरवाजा, पंचमहल और जोधा बाई का महल की सैर करवाई है| उम्मीद है आपको हमारा ये article पसंद आया होगा| पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें|

ये आर्टिकल्स भी जरूर पढ़े -:
दाद खाज खुजली की अंग्रेजी दवा tablet
पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए
aaj kaun sa de hai
हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण
रुका हुआ पीरियड लाने की दवा ka name